मेरा एक ऐसा क्‍लाइंट है जो काम और बाहर का जीवन अलग करने को लेकर बहुत गंभीर लगता है। वह लोगों का ऑफिस के आसपास मजाक करना पसंद नहीं करता है और लोगों को बताता है कि बिजनेस गंभीर है। बिजनेस यूनिट काफी प्रोडक्टिव है लेकिन क्या इतना गंभीर होना जरूरी है?
 
वर्कप्‍लेस पर ह्युमर, खासकर जब यह काम से जुड़े टॉपिक से संबंधित होता है, अच्छी बात है। यह लोगों को अप्रत्यक्ष ढंग से मुद्दों और चिंताओं को सामने लाने का अवसर देता है और कल्‍चर को पूर्ण रूप में कुछ नीचे दबे तनावों को एड्रेस और रिलैक्‍स करने देता है।
 
कुछ लोगों के लिए, "काम" प्‍युरिटन परंपरा में होता है, जिसका मतलब है कि सिर्फ काम और कोई मज़ाक नहीं। हालांकि, अपरिहार्य तनाव का हल्के-दिल से ट्रीटमेंट रोकना लोगों को दूर-दूर रखता हैं और ऐसा माहौल बनाता है जिसमें वे मुद्दे बुरे हो और बढ़ जाते हैं। जब तक ह्युमर किसी भी व्यक्ति की ओर डाइरेक्‍टेड नहीं होता है या तुच्‍छ उत्साही ढंग से किसी ग्रुप की कीमत पर प्रमोट नहीं किया जाता है, तब तक ह्यमर अच्छी बात मानी जाती है। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू और अन्य प्रकाशनों में हाल के आर्टिकल्‍स वर्णन करते हैं कि कैसे ह्युमर कंपनी के हेल्‍थ का अच्छा इंडीकेटर है, जो कुछ ऐसा है जिस पर पारंपरिक बिजनेस इवैल्युएटर कान नहीं देते हैं।
 
अच्छा मैनेजर सक्रिय रूप से मैनेज करता है और कर्मचारियों को ह्युमर में भाग लेने और योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करता है। ऑर्गनाइजेशन में ह्युमर का कल्‍चर समझने से मैनेजर - और साथ ही कंसल्‍टेंट्स – को भी इंटरनल नेटवर्क, प्रभाव और कम्‍युनिकेशन की समझ मिलती है। यह कंसल्‍टेंट्स के लिए "नेटिव हो जाने" और क्‍लाइंट का कल्‍चर अपनाने के लिए प्रोत्साहन नहीं है। यह ह्युमर के माध्‍यम से और साथ ही उसके बिजनेस प्रोसेज के माध्यम से कल्‍चर बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रोत्साहन है।
 
सोर्स: इंस्टीट्युट ऑफ मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स - USA