प्राइवेटाइजेशन की लहर पूरी दुनिया में चल रही है और पॅरी दुनिया में पब्लिक मार्केट्स में घुसने के लिए प्राइवेट स्वामित्व वाले एंटरप्राइजेज के लिए नए हॉरीजोन खोल रही। प्राइवेटाइजेशन के पीछे की थ्योरी यह है कि ये एंटरप्राइज अधिक कुशलतापूर्वक चलते हैं और सरकार कभ् बजाय शेयरधारकों के स्वामित्व में होने पर क्लाइन्ट्स को बेहतर सर्विस देते हैं। यह देखते हुए कि यह तर्क सही है, प्राइवेटाइजेशन के प्रोसेस के दौरान और बाद में कई बातों पर विचार किया जाता है। इन विचारों में लागत, कर्मचारी प्रोडक्टीविटी, सर्विसेज, ऑपरेटिंग फिलॉस्फी, कंपटीशन, पर्सनल मैनेजमेंट, आदि के संबंध में पब्लिक और प्राइवेट के बीच महत्वपूर्ण अंतर शामिल होते हैं। TAG-कंसल्ट सुचारू और आसान स्वामित्व हस्तांतरण में सहायता करने के लिए प्राइवेटाइजेशन के प्रोसेस से संबंधित निम्नलिखित प्रकार की सर्विसेज ऑफर करता है।:
- प्राइवेटाइजेशन स्ट्रेटजी
- प्राइवेटाइज्ड प्रतिष्ठानों का इवैल्युएशन और एनालिसिस
- प्राइवेटाइजेशन उद्देश्यों के लिए डेवलपमेंट, प्लानिंग और पुनर्गठन
- प्राइवेटाइजेशन प्रोसेस लागू करना